
Retired:-
“आज से अभी से खेल प्रशिक्षण और खेल की सभी गतिविधियों से मैं सन्यास की घोषणा करता हूं, भविष्य में मैं किसी प्रकार के खेल प्रशिक्षण और खेल गतिविधियों में सम्मिलित नहीं रहूँगा, कुछ दिनों से लगातार मेहसूस कर रहा हूं की मेरे 24 वर्षों के खेल अनुभव की अब राज्य या समाज को जरूरत नहीं, इसलिए मैं खेल प्रशिक्षण, खिलाडियों और खेल गतिविधियों से सन्यास की घोषणा करता हूँ…. जय जोहार.”

छत्तीसगढ़ के इंटरनेशनल वेटलिफ्टर रुस्तम सारंग के जीवन में उनके पिता और कोच बुधराम सारंग का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है. रुस्तम पहले नेशनल सिल्वर मेडल के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखे और नेशनल, इंटरनेशनल चैंपियनशिप्स में कई गोल्ड जीते। अब रायपुर के सतनामीपारा के जिम में उनके तराशे हुए खिलाड़ी विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में सोना निकाल रहे हैं। 2003 में नेशनल यूथ चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल, 2004 के नेशनल गेम्स में सिल्वर, 2005 में एशियन गेम्स में मेडल रुस्तम की उपलब्धियों में शुमार रहा है. सतनामीपारा की घनी बस्ती के बीच सारंग बंधुओं की छोटी सी व्यायामशाला में खिलाड़ियों का प्रशिक्षण चलता है।
