भारतीय हॉकी के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 7 नवंबर को पूरे देश में एक साथ एक हज़ार से ज्यादा हॉकी मैच खेले जाएंगे। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में भी एक ही समय पर मैचों का आयोजन किया जाएगा।छत्तीसगढ़ हॉकी के अध्यक्ष फिरोज अंसारी ने बताया कि 7 नवंबर 1925 को देश में पहली हॉकी प्रशासनिक संस्था का गठन हुआ था।

इसके बाद 1928 में एम्स्टर्डम ओलंपिक में भारतीय टीम ने नीदरलैंड को हराकर अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता, तब से अब तक भारतीय हॉकी टीम ने कुल आठ ओलंपिक स्वर्ण पदक अपने नाम किए हैं. जो किसी भी देश द्वारा हॉकी में जीते गए सबसे अधिक स्वर्ण पदक हैं।1928 से 1959 का काल भारतीय हॉकी का स्वर्णिम युग माना जाता है।
1980 और 90 के दशक में प्रदर्शन में गिरावट के बाद 1998 से भारतीय हॉकी ने पुनरुत्थान की राह पकड़ी। टोक्यो ओलंपिक 2020 में मनप्रीत सिंह की कप्तानी में कांस्य पदक जीतकर गौरवशाली वापसी की, जिसे 2024 के पेरिस ओलंपिक में एक बार फिर दोहराया गया जब भारत ने फिर से पदक जीतकर इतिहास रचा।
छत्तीसगढ़ हॉकी के महासचिव मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि भारत अब तक ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में कुल 8 स्वर्ण, 1 रजत और 4 कांस्य पदक जीत चुका है। इसके अलावा, भारत ने 1975 में विश्व कप भी जीता है तथा एशियाई खेलों में 4 स्वर्ण, 9 रजत और 3 कांस्य पदक हासिल किए हैं। भारतीय महिला हॉकी टीम ने भी एशियाई खेलों में 7 पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाया है।
शताब्दी वर्ष के महत्व पर कार्यक्रम संयोजक मृणाल चौबे (अंतराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी) ने कहा कि भारतीय हॉकी ने विश्व स्तर पर जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वे हमारे देश की खेल विरासत को उजागर करती हैं। 100 वर्ष पूरे होने का यह अवसर पूरे गर्व और उत्साह के साथ मनाया जाना चाहिए।
छत्तीसगढ़ हॉकी से संबद्ध सभी जिलों को इस ऐतिहासिक आयोजन की तैयारी के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 7 नवंबर को प्रत्येक मान्यता प्राप्त जिले में एक पुरुष एवं एक महिला टीम के बीच मैच आयोजित किया जाएगा। पूरे भारत के लगभग 650 जिलों में एक साथ मैच खेले जाएंगे, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया जाएगा।

