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KHELNEWZ RAIPUR DESK शतरंज का एक दिवसीय कार्यशाला 115 स्कूली बच्चे हुए शामिल
छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के मंशानुरूप प्रत्येक शनिवार को बेग लेस डे के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है. जिसका मुख्य उद्देश्य सप्ताह में एक दिन शनिवार को बस्ता के बोझ तथा अध्ययन कार्य से मुक्त कर रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास करना है।
एक दिवसीय कार्यशाला को सम्बोधित किये श्री खूंटे
इसी कड़ी में शासकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक शाला कसहीबाहरा के संयुक्त संयोजन में शतरंज प्रशिक्षण का एक दिवसीय बेसिक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के संदर्भ में प्रकाश डालते हुए शतरंज के राष्ट्रीय निर्णायक, चेस ट्रेनर, शतरंज पहेली के स्तम्भकार एवं मासिक शतरंज खेल पत्रिका के कार्यकारी संपादक हेमन्त खुटे ने कहा कि शतरंज रचनात्मक खेल गतिविधियों से संबंधित विधा है जिसके माध्यम से बौध्दिक ,मानसिक क्षमता विद्यार्थियों में उत्पन्न होती है ।
कई मानवीय गुणों का विकास शतरंज खेल के माध्यम से उजागार होता है। एकाग्रता, धैर्य, संयम,साहस, जोखिम लेने की क्षमता, प्रतिद्वंदियों की प्रतिभा का आंकलन ,सफलता के लिए प्रयास एवं लक्ष्य के लिए दृढ़ संकल्प जैसे अनेक गुणों का विकास चेस से कर सकते हैं।
शतरंज के बेसिक जानकारी से रूबरू हुए स्कूली बच्चे
श्री खूंटे ने बच्चों को शतरंज की बिसात सही ढंग से जमाना, शतरंज के चौसठ खानों के नाम, मोहरों की चालें, मोहरों के सांकेतिक अक्षरों के नाम व सांकेतिक चिन्ह तथा नोटेशन लिखना जैसी बेसिक जानकारी से अवगत कराते हुए निरंतर अभ्यास के लिए प्रेरित किया।
प्राइमरी एवं मिडिल स्कूल के बच्चों को जिला शतरंज संघ की ओर से 5-5 अंतरराष्ट्रीय मानक शतरंज सेट उपलब्ध कराया गया ताकि बच्चे शतरंज का नियमित अभ्यास स्कूल में कर सके। प्राथमिक शाला के प्रधान पाठक हितेश पटेल ने कहा कि इस प्रकार से प्रत्येक शनिवार को नवाचार का प्रयोग विद्यालय में निरंतर किये जाते रहेंगे।
उक्त कार्यशाला में 115 स्कूली बच्चों ने सहभागिता की। कार्यशाला को सफलतापूर्वक संपन्न करने में विद्यालय के शिक्षक घनश्याम ठाकुर,संतोष साहू,तबस्सुम एवं दिलीप कुमार पटेल का योगदान रहा।