दुर्ग ने चैंपियन एलेवेन बिलासपुर को हराते हुए शहीद कप पर किया कब्ज़ा
शहीद चंद्रशेखर आजाद की स्मृति में आयोजित रात्रि कालीन टेनिस बॉल क्रिकेट प्रतियोगिता के तीसरे वर्ष के मेगा फाइनल कुम्हली इलेवन दुर्ग वर्सेस चैंपियन इलेवन बिलासपुर के मध्य खेला गया. कुम्हली इलेवन ने टास जीतकर गेंदबाजी करने का फैसला लिया और चैंपियन इलेवन बिलासपुर टीम को बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया. निर्धारित 10 ओवर के इस मेगा फाइनल मैच में चैंपियन टीम ने 6 विकेट खोकर 67 रन ही बना पाई. चैंपियन टीम की ओर से 27 रन का योगदान निक्की ने दिया. जवाबी पारी में कुम्हली इलेवन की टीम ने महज 8 ओवर में ही इस लक्ष्य को हासिल कर इस टूर्नामेंट में पहली बार विजेता बनी. कुम्हाली के शीतल ने शानदार गेंदबाजी कर 2 ओवर में सिर्फ 6 रन पर 3 विकेट लिए और इस फाइनल मैच के मैन ऑफ द मैच रहे, जबकि बल्लेबाज़ी में अमित यादव ने 22 गेंदों पर 31 रन बनाया. आयोजन समिति के धीरज साहू ने बताया कि इस टूर्नामेंट में कुम्हली इलेवन को प्रथम पुरुस्कार के रूप में 151000 रुपए नगद और ट्राफी प्रदान की गई. उप विजेता चैंपियन इलेवन को 61000 रुपए नगद पुरस्कार और ट्राफी प्रदान किया गया. मैन ऑफ द सीरीज का खिताब सेमीफानल खेल कर बाहर हुई एसीसी बिलासपुर टीम के अभ्युदय कांत सिंह गोल्डी रहे जिन्हें 24000 रुपए का नगद राशि और एक शानदार ट्राफी दिया गया. बेस्ट बल्लेबाज का इनाम शोर्य इलेवन के उमेश कुमार रहे जिन्हें पांच हजार रूपए नगद राशि और ट्राफी प्रदान किया गया. बेस्ट गेंदबाज रायपुर स्टार के सुभम को दिया गया. मेगा फाइनल में हजारों की संख्या में दर्शकों की भीड़ रही और अतिथि के रूप में पूर्णचंद पाढ़ी कोको प्रदेश अध्यक्ष यूथ कांग्रेस, उमेर ढेबर सचिव होटल एसोसिएशन छ.ग. , अजय श्रीवास्तव, विजय केशरवानी , त्रिलोक श्रीवास, सिद्धांसु मिश्रा, कमल गुप्ता, तृप्ति चंदा, भूपेंद्र सिंह, राहुल साहू, परमीत बग्गा, आशीष गोयल, मोनू अवस्थी रहे. सभी अतिथियों ने संबोधन में आयोजन पर कहा कि पूरे देश और प्रदेश में यह एक मात्र ऐसा क्रिकेट प्रतियोगिता है जो की शहीद चंद्रशेखर आजाद जी के नाम पर कराया जाता हैं. इस आयोजन को सफल बनाने में समिति के मुख्य रूप से अभिनेश लल्लन बोले, चिकी बोले, आदिल आलम खैरानी,विनायक शर्मा, वासु नामदेव, जिडन गंगोत्री, सुनील केशरी,नवीन, राहुल, दुर्गेश, एवं सीएमडी महाविद्यालय आजाद पैनल के समस्त छात्र का प्रमुख रूप से योगदान रहा.