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KHELNEWZ RAJNANDGAON DESK प्रशिक्षक कालवा राजेश्वर राव को बास्केटबॉल खेल को बढ़ावा देने हेतु सम्मान से सराहा गया
इंटरनेशनल बास्केटबाॅल प्रशिक्षक कालवा राजेश्वर राव को वनांचल एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की बालिका खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने एवं बास्केटबॉल खेल को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए गोल्डन इंटरनेशनल स्कूल इंदौर के द्वारा आयोजित सीबीएसई नेशनल बास्केटबॉल प्रतियोगिता के समापन अवसर पर सम्मानित किया गया।
श्री राजेश्वर राव की 2001 में राजनांदगांव में पोस्टिंग हुई थी उस समय राजनांदगांव जिले में में सिर्फ दिग्विजय स्टेडियम में एक टुटा फुटा बास्केटबाॅल मैदान था। इनकी यहां पोस्टिंग के समय राजनांदगांव में बास्केटबाल ना के बराबर था। उन्होंने शुरुआती समय में विभित्र स्कूलों से संपर्क कर एवं अलग अलग स्कूलों में जाकर रॉ टेलेंटेड बालक बालिकाओं को चयनीत कर उनको साइंटिफिक ट्रेनिग प्रदान करना शुरू किया। बास्केटबॉल के लिए लम्बे कद के बच्चों की आवश्यकता होती है, तो उन्होंने हाईट हंट प्रोग्राम चलाकर लम्बे बच्चों को खोजकर तराशने का कार्य प्रारंभ किया। इन बच्चों को स्वयं के खर्च पर रखकर उन्हें ट्रेनिंग प्रदान की। साई में शुरूआत में आवासीय योजना में बास्केटबॉल के 07 बालक खिलाड़ी थे जिसमें से एक टीम भी नहीं बन पाती थी।
श्री राव ने अथक प्रयास कर बालक बालिकाओं को इकट्ठा करके उन्हें निःशुल्क ट्रेनिंग प्रदान करना शुरू किया। उसका यह नतीजा हुआ की राजनांदगांव का बास्केटबॉल उत्तरोत्तर प्रगति करने लगा। शुरुआत में खिलाडी दुर्ग जोन की टीम का प्रतिनिधित्व कर राज्य विजेता बने। श्री राव के द्वारा उन्हें वैज्ञानिक ढंग से प्रशिक्षित करने का ही परिणाम है कि राजनांदगांव के खिलाड़ियों ने छत्तीसगढ़ राज्य बनने के पश्चात आज तक राज्य विजेता रहने का गौरव प्राप्त किया।
पहले दुर्ग संभाग तत्पश्चात राजनांदगांव संभाग बनने के पश्चात भी सभी उम्र समुह में राज्य विजेता रहने का रिकॉर्ड बनाया। इसके अतिरिक्त विभिन्न सीबीएसई क्लस्टर एवं नेशनल बास्केटबॉल प्रतियोगिता में स्वर्ण रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त किया।
विगत कई वर्षों से युगांतर पब्लिक स्कूल की टीम स्वर्ण पदक विजेता है। राजनांदगांव के बालक बालिका बास्केटबॉल खिलाड़ियों ने ना सिर्फ राज्य स्तरीय बल्कि विभिन्न राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी देश में दबदबा कायम रखते हुए स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त किये।
श्री राव ने बास्केटबॉल खेल को बढ़ाने के लिए विभिन्न स्कूलों के संचालक एवंं प्राचार्य से व्यक्तिगत रूप से मिलकर बास्केटबॉल खेल के विकास के लिए योजना समझाई। इसी तारतम्य में युगांतर पब्लिक स्कूल राजनांदगांव के संचालक से मुलाकात करके उनके स्कूल में वनांचल एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों एवं विभित्र जिलों में रॉ टेलेंटेड खिलाड़ियों की खोजबीन शुरू कर उन्हें चयनित करके लाने की योजना बनाई एवं इन रॉ खिलाड़ियों को युगांतर पब्लिक स्कूल राजनांदगांव के हॉस्टल एवं स्वयं के घर पर रखकर बास्केटबॉल की ट्रेनिंग देना प्रारंभ किया। राजेश्वर राव द्वारा वनांचल एवं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के रॉ टेलेंटेड बालिकाओं चयनित कर उच्चस्तरीय ट्रेनिंग देने का ही परिणाम है कि बास्केटबॉल खेल में राजनांदगांव के खिलाड़ियों एवं टीमों ने कभी मुड़कर नहीं देखा।
इनके द्वारा प्रशिक्षित कई बालक बालिका खिलाड़ियों में ना सिर्फ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में सहभागिता की बल्कि इनके द्वारा प्रशिक्षित कई खिलाड़ियों ने विभिन्न शासकीय संस्थानों में खेल कोटे से नौकरी भी पाई है
विभिन अंतर्राष्ट्रीय बास्केटबॉल प्रतियोगिताओं में भी राजेश्वर राव के द्वारा प्रशिक्षित खिलाड़ियों ने विभिन्न राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेकर स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्राप्त किये।
राजनांदगांव में दिल्ली पब्लिक स्कूल की स्थापना के पश्चात श्री राव ने उनके संचालकों से भी मिलकर इस संबंध में चर्चा की और उस स्कूल में भी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों एवं वनांचल के रॉ टेलेंटेड बालिकाओं को चयनित कर के उन्हें प्रशिक्षण प्रदान कर उनका जीवन बनाने का अथक प्रयास किया और उन्हें विभिन्न राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीताये।
श्री राव और उनकी पत्नी कालवा राधा राव ने उन बच्चों को भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया जिन्होंने कभी ट्रेन भी नहीं देखी थी। इनके द्वारा प्रशिक्षित खिलाड़ियों ने विभिन्न शासकीय संस्थानों में नौकरी भी पायी है। इनमें से शाति खाखा शबनम एक्का, निशा कश्यप, किरण यादव, प्रियंका अंबादे, मंदा मेश्राम, किरण प्रजापति, संध्या आर्य, राधा सोनी, विनिता शर्मा, रजत श्रीवास्तव, श्रवण बिश्नोई, मनोज सिंह, लुमेंद्र साहू, दोवल्लभी साहु, आशुतोष कुमार सिंह, राहुल रॉय, मौषम सिंह, नुपूर गोहिल, वैशाली सिंह इत्यादि ऐसे कई खिलाड़ी है। जिन्हें शासकीय विभागों में नौकरी दिलवाने में श्री राव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इनकी जिंदगी बना कर इनके जीवन के स्तर में परिवर्तन करने का प्रयास किया।
श्री राव एवं उनकी पत्नी कालवा राधा राव ने अपने अथक प्रयासों से राजनांदगांव बास्केटबाॅल की नर्सरी भी स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
राजेश्वर राव के प्रयासों का ही परिणाम है कि देश में राजनांदगांव एकमात्र जगह है जहां एक ही परिसर में 8 बास्केटबॉल मैदान है और उनके प्रयासों से 20 से अधिक बास्केटबॉल मैदान बनाए गए है।
अंतर्राष्ट्रीय बास्केटबॉल प्रशिक्षक श्री कालवा राजेश्वर राव बास्केटबॉल खेल में हॉंई परफार्मेंस डाइरेक्टर भी रहे है। वे पूर्व में बास्केटबॉल खेल के हॉई परफार्मेंस मेनेजर भी रहे है। वे टेलेंट आइडेंटिफिकेशन एंड डेवलपमेंट समिति के सदस्य है, वे खेलों इंडिया के पश्चिमी क्षेत्र के भी टेलेंट आइडेटिफिकेशन कमेटी के सदस्य रहे हैं, उन्होंने बुडापेस्ट हंगरी, इटली से कोचिंग का एडव्यांस कोर्स किया है. एन बी ए इंडिया की टेलेंट सर्च कमेटी के सदस्य भी रहे है.
श्री राजेबर राव एशियन गेम्स में भाग लेने जाने वाली भारतीय महिला बास्केटबॉल टीम के प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षक भी रहे हैं। श्री राव सीनियर भारतीय मेंस टीम के कैम्प में कोच, एशियन बास्केटबॉल प्रतियोगिता में जूनियर भारतीय महिला टीम के कोच, साऊथ एशियन बास्केटबॉल क्वालिफायर में जुनियर भारतीय पूरूष बास्केटबॉल टीम के कोच भी रहे हैं जिसने स्वर्ण पदक प्राप्त किया। वे सब जुनियर भारतीय टीम के केम्प में दो बार हेड कोच रहे हैं। इसके अतिरिक्त वे युवा भारतीय बालक एवं बालिकाओं की टीम के केम्प में हेड कोच रहें है। वे एशियन स्कूल बास्केटबॉल प्रतियोगिता में भारतीय महिला स्कूल टीम के कोच एवं लिमोजेस फ्रांस , क्रोएशिया, बेलगरेड सर्बिया, पेरिस फ्रांस में आयोजित विभिन्न विश्व स्कूल बास्केटबॉल प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाली भारतीय स्कूल टीमों के कोच रहे है।
उनकी उक्त उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए उन्हें सीबीएसई नेशनल बास्केटबॉल प्रतियोगिता के समापन अवसर पर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अन्य अतिथियों के अलावा बास्केटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव कुलविंदर सिंह गील भी उपस्थित थे।