चेस इन स्कूल्स पायलट प्रोजेक्ट के लिए बालोद बना पहला स्कुल
ऑल इंडिया चेस फेडरेशन की महत्वाकांक्षी योजना चेस इन स्कूल्स पायलट प्रोजेक्ट का शुरुआत छत्तीसगढ़ के बालोद में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल से किया गया। बतौर मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने इसका विधिवत शुभारंभ किया। इस दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप में डिप्टी कलेक्टर सिल्ली थॉमस, जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास बघेल, जिला समन्वयक अनुराग त्रिवेदी एवं प्राचार्य लीनु तुली उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश शतरंज संघ के महासचिव विनोद राठी ने की ।बालोद जिला में चेस इन स्कूल्स की शुरुआत करने के लिए कलेक्टर जन्मेजय मोहबे ने पहल किया। उद्घाटन अवसर पर कलेक्टर ने दो महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शतरंज एक बौद्धिक खेल है जिसमें विज्ञान, गणित और कला का सुंदर समिश्रण है। जीवन में स्थिरता, मन में एकाग्रता, अनुशासन, व्यक्तित्व में सफलता और चुनौतियों में रणनीति बनाने की सीख हमें शतरंज खेलने से ही मिलती है। बचपन से हम अगर बच्चों को शतरंज खेलने के लिए प्रेरित करते हैं तो उन्हें सहजता से इस खेल के बारे में जानकारी देकर उनके व्यक्तित्व का निर्माण कर सकते हैं । शतरंज एक और बड़ी विशेषता यह है कि इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों फॉर्मेट में खेला जा सकता है। कार्यक्रम के अध्यक्ष विनोद राठी ने चेस इन स्कूल्स के उद्देश्य एवं महत्व को बताते हुए कहा कि शतरंज खेल नहीं बल्कि जीवन का समग्र दर्शन है । शतरंज बहुमुखी प्रतिभा को निखारता है और मानवीय गुणों को विकसित करता है तथा जीवन के साथ संतुलन स्थापित करने में शतरंज अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा की हमारी कोशिश है कि अन्य जिलों में भी इसी तरह से शासन प्रशासन के सहयोग से चेस इन स्कूल्स के तहत शतरंज डिप्लोमा पाठ्यक्रम की शुरुआत हो। उल्लेखनीय है कि बालोद जिला में इसके सफल क्रियान्वयन के लिए डिप्टी कलेक्टर सिल्ली थॉमस को नोडल अधिकारी बनाया गया है ताकि जिले के विद्यार्थियों को इसका समुचित लाभ मिल सके। कार्यक्रम के दौरान सीनियर नेशनल आर्बिटर आशुतोष साहू एवं रॉकी देवांग ने उपस्थित जिले के प्राचार्य, व्यायाम शिक्षक एवं विद्यार्थियों के समक्ष प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रेजेंटेशन दिया जिसमें शतरंज के इतिहास से लेकर वर्तमान तक की सफर यात्रा का अवलोकन कराया गया। इंटरनेशनल आर्बिटर अलंकार भिवगड़े ने स्कूली बच्चों को शतरंज खेल के नियमों से वाकिफ कराया। पूरे भारत में सर्वप्रथम चेस इन स्कूल्स की शुरुआत छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम से होने पर चेस इन स्कूल्स के चेयरमैन ए के वर्मा, ग्रैंडमास्टर प्रवीण थिप्से, ग्रैंडमास्टर अभिजीत कुंटे ने छत्तीसगढ़ प्रदेश शतरंज संघ को बधाई देकर अपनी शुभकामनाएं दिया। ऑल इंडिया चेस फेडरेशन के अध्यक्ष डॉ संजय कपूर, सचिव भरत सिंह चौहान एवं चेस इन स्कूल्स के चेयरमैन ए के वर्मा के कुशल निर्देशन में भारत के सभी राज्यों में चेस इन स्कूल्स को डिप्लोमा पाठ्यक्रम के रूप में लागू करने की कवायद चल रही है जिसके तहत तीन साल के भीतर तीन करोड़ स्कूली बच्चों को शतरंज से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। श्री वर्मा ने चेस इन स्कूल्स कार्यक्रम के तहत अपने रायपुर प्रवास के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ में शतरंज विकास की असीम संभावनाएं हैं और यहाँ के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रोशन करेंगे।