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KHELNEWZ SUNDAY IMPACT क्रॉस ट्रेनिंग खिलाड़ियों के माइंड, बॉडी और परफॉरमेंस को एनहान्स करने में बेहद कारगर
SPECIAL ARTICLE BY GUEST PHYSIO COLUMNIST Dr.Avinash jaiswal, Director, AVIK sports health & fitness BPT,MPT(sports and rehab), MBA (health care), MIAP, CDN, IAFT, DFM (FIFA), sports science expert and S&C.
स्पोर्ट्स में खिलाड़ी हमेशा अपना सौ फीसदी देने के लिए जी जान लगाते है. कई ऐसे मौके देखे गए है जिसमे खिलाड़ी को रिजल्ट मेहनत के अनुरूप नहीं मिलता या जिस तकनीक को करने में बार बार उन्हें दिक्कत हो रही होती है उसे यदि सही समय पर सर्टिफाइड फिजियो से अपने दिक्कत को साझा करे तो ऐसे फिजियो अपने अनुभव से क्रॉस ट्रेनिंग के माध्यम से खिलाड़ियों के परफॉरमेंस को गेम चेंजर बनाने में काफी मददगार साबित हो सकते है.
क्रॉस ट्रेनिंग क्या है?
यह बेहद खास टॉपिक है जिसे हर स्पोर्ट्स से जुड़े लोगो को जानना समझना और अपनाने की जरूरत होती है. खिलाड़ी जब इनिशियल लेवल से प्रोफेशनल ट्रेनिंग की तरफ कदम रखता है तो उस समय उस खिलाड़ी को कभी कभी किसी विशेष ड्रिल या प्रैक्टिस में अप टू द मार्क सैटिस्फैक्शन नहीं मिलता. इस समय क्रॉस ट्रेनिंग विशेष सहयोगी होता है.
कई खिलाड़ी होते है जो अपने कोर स्पोर्ट्स पर ही फोकस करते है वही कुछ स्पोर्ट्स मैन अपने कोर गेम को एनहान्स करने के लिए दूसरे गमे का भी सहारा लेते है जैसे स्विमर्स यदि रोइंग करे तो उनके शोल्डर्स सही मूवमेंट करते है जो उनके स्ट्रोक में बेहद कारगर साबित हो सकते है. इस प्रकार से की जाने वाली प्रैक्टिस को क्रॉस ट्रेनिंग कहते है.
कई ऐसे स्पोर्ट्स होते है जिनमे सीजनल इफेक्ट्स होते है जैसे क्रिकेट बारिश या ख़राब मौसम में आउट डोर में खेलना संभव नहीं होता ऐसे में क्रॉस ट्रेनिंग की सहयता से खिलाड़ी का फिजिकल फिटनेस और उसके कोर गेम के लिए फिजिकली मेंटली रेडी रखने में बेहद साहयक होते है. उद्धरण के लिए रनर्स साइकिलिंग करके अपने लेग्स को फिट रख सकते है.
क्रॉस ट्रेनिंग के फायदे
१. कार्डियो वैस्कुलर क्षमता में इज़ाफ़ा. इससे खिलाड़ी की परिस्थिति अनुसार गेम में नए चीज़ को अडॉप्शन आसान होता है.
२. बॉडी के सभी मसल्स काम करने लगते है जो शायद कोर से न हो पा रहा होगा. जैसे स्प्रिंटर्स अगर स्विमिंग भी करे तो उसके पीठ के मसल्स भी डेवेलोप होंगे जो रनिंग में नहीं हो पाते है.
३. इंजरी के कंडीशन में रिकवर रेट क्रॉस ट्रेनड स्पोर्ट्स पर्सन का जल्दी होता है.
४. खिलाड़ी क्रॉस ट्रेनिंग से लगातार गेम में बना रहता है और कोर गेम के एक ही प्रकार के अभ्यास से होने वाली पुनरावृत्ति की बोरियत से भी कही न कही उन्हें थोड़ा अलग करने सिखने और जानने का मौका मिलता है.
५. एक ही गेम के लगातार खेलने और अभ्यास करने से कुछ निश्चित ग्रुप ऑफ़ मसल्स का इस्तेमाल ज्यादा होता है जिससे इंजरी की चान्सेस बढ़ जाते है जो कि क्रॉस ट्रेनिंग से सभी मसल्स वर्क करते है जिससे चोट की सम्भावनाओ में कमी देखा गया है.
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आज प्रोफेशनल स्पोर्ट्स के दौड़ में खिलाड़ी अपने गेम को अंतराष्ट्रीय स्तर पर हर एंगल से सटिक करने हेतु बेहद प्रयास करते है ऐसे में उनको इंजरी से खुद को बचाने और अपने आपको फिट बनाये रखने की बहुत बड़ी चुनौती होती है. इनमे स्पोर्ट्स फिजियो की सलाह और अपने बेसिक गेम को जो हेल्प करें उसके मद्देनज़र कुछ और स्पोर्ट्स को अपनाकर बॉडी और माइंड के रिफ्रेशमेंट के साथ ही कोर गेम के आउटपुट में इज़ाफ़ा कर सकते है.
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