तालमेल, सिंक्रोनाइज़ेशन और कलाबाज़ी से मंत्रमुग्ध करते मलखम्म के उम्दा खिलाड़ी
एक्रोबेटिक्स, योग और जिम्नास्टिक्स के तीनो आयामों से जुड़कर प्राचीन भारतीय खेल मलखम्म में खिलाड़ी तालमेल और सिंक्रोनाइज़ेशन से ऐसे खेलते है कि जिसे अब सभी जगह सराहा जा रहा है। खेलो इंडिया और एसजीएफआई से मान्यता प्राप्त मलखम्म को जल्द एशीयाड में भी शामिल किये जाने कि सम्भावना है। मलखम्म एक प्राचीन भारतीय खेल है जिसे तीन भागो में बांटकर खेला जाता है जिसमे स्थायी, लटक और रोप मलखम्म होता है। मलखम्म के प्रदेश महासचिव एवं वरिष्ठ एनआईएस कोच राजकुमार शर्मा से हाल ही में हुए चर्चा में उन्होंने बताया कि इस खेल को अंतरास्ट्रीय स्तर पर पहचान एवं मान्यता दिलाने के लिए मलखम्म अंतरास्ट्रीय फेडरेशन का गठन नेपाल में हुआ है। भारत सरकार ने भी मलखम्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से १०० सेंटर खोले है, जिनमे ४ सेंटर छत्तीसगढ़ में भी है। नारायणपुर, पामगढ़, कटघोरा, और बिलासपुर में मलखम्म के सेंटर है जिनमे नियमित खिलाड़ी प्रैक्टिस कर रहे है। श्री शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि इन सेंटरों में खिलाड़ियों के खेल को निखारने के लिए प्रयाप्त किट और सुविधाएं भी दिया जा रहा है जो कि सीधे भारत सरकार द्वारा प्रत्येक सेंटरो के लिए मुहैया कराये गए है। श्री शर्मा ने आगे जोड़ते हुए कहा कि २०२० में सब जूनियर चैंपियनशिप का आयोजन बिलासपुर में ही हुआ था जिसमे छत्तीसगढ़ से खेलते हुए खिलाड़ियों ने ९ गोल्ड मैडल जीते थे। हाल ही में हुए राष्ट्रीय मलखम्म स्पर्धा जो कि सितम्बर २०२१ में हुआ जिसमे छत्तीसगढ़ ने बाज़ी मारते हुए ४२ मैडल अपने नाम किया जिनमे ३० गोल्ड शामिल है। मलखम्म में सब जूनियर, जूनियर और सीनियर वर्ग में प्रतियोगिताएं होती है। खिलाड़ियों को प्रतियोगिताओ में भाग लेने से पूर्व खेलो इंडिया में रजिस्टर्ड करवाना होता है जिसके आधार पर वे जिन सेंटरों में प्रैक्टिस करते है वहां उन्हें प्रयाप्त ट्रेनिंग, कोचिंग और किट कि सुविधा भी मिलती है। मलखम्म में कोचिंग दे रहे पामगढ़ सेंटर के कोच श्री दिनकर कहते है कि इन खेलो से जुड़े खिलाड़ियों का फिटनेस लेवल इतना हाई होता है जिससे इन्हे आगामी समय में किसी भी फील्ड में करियर बनाने में बहुत मदद मिलता है। मलखम्म में शरीर का पूर्ण व्यायाम होता है, और ताल मेल के इस खेल में फेफड़े और पाचनतंत्र बहुत स्वस्थ रहते है। कोच दिनकर ने बताया कि नारायणपुर और बीजापुर में खिलाड़ी बहुत उम्दा मलखम्म का प्रदर्शन कर रहे है। इन खेलो में जहा छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन पहले चौथे या पांचवे स्थानों पर होता था वही आज मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश को पछाड़ते हुए महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर काबिज हो चूका है। खेलो इंडिया कि तरफ से भी इन खेलो में मैडल लेने वाले खिलाड़ियों को आर्थिक प्रोत्साहन के सवाल पर महासचिव और वरिष्ठ प्रशिक्षक आरके शर्मा ने बताया कि मेडलिस्ट खिलड़ी सीधे आर्थिक रूप से लाभान्वित हो रहे है जिससे उन्हें और अच्छा करने का प्रोत्साहन भी मिल रहा है। मलखम्म के खेल को आगे बढ़ाने में राज्य में फेडरेशन के अध्यक्ष प्रेमचंद शुक्ला और कोषाध्यक्ष अनिल सिंह भी लगातार प्रयास कर रहे है जिससे न केवल इनमे खिलाड़ी जुड़ रहे है बल्कि शानदार प्रदर्शन करते हुए राज्य का मान भी बढ़ा रहे है।