संतुलित न्यूट्रिशनल डाइट से निखरता खिलाड़ियों का परफॉरमेंस
खेल में खिलाड़ियों को परफेक्शन देता उनका प्रैक्टिस और इसी फॉर्म को बनाये रखते है उनका फिटनेस। फिट खिलाड़ी लम्बे समय तक अपने गेम में सर्वाइव करते है और मैच दर मैच उनके खेल में निखार आता है। खिलाड़ियों को शुरूआती दिनों से ही सही डाइट पर फोकस करना पड़ता है जो उनके फिटनेस के लिए बहुत जरूरी होता है। शहर के डाइट स्पेशलिस्ट एवं इंटरनेशनल पर्सनल ट्रेनर्स एंड फिटनेस अकादमी से सर्टिफाइड निशांत वर्मा ने हमसे बात करते हुए बताया की खिलाड़ियों को डाइट पर विशेष ख्याल रखना पड़ता है। श्री वर्मा ने बताया की सही डाइट वही है जो ज्यादा से ज्यादा रॉ फॉर्म में हो, इस सम्बन्ध में विस्तार से बताते उन्होंने कहा की भोजन को जितना ज्यादा फ्राई करेंगे उसके न्यूट्रिएंट्स वैल्यूज कम होते चले जाते है इसलिए कम से कम फ्राई हो ऐसे भोजन को अपने नियमित डाइट्स में रखना सर्वोत्तम होता है। खिलाड़ी के तौर पर किस प्रकार का डाइट लेना चाहिए उसके बारे में निशांत कहते है की वेजटेरियंस के लिए दिन की शुरुआत वर्कआउट के बाद स्प्राउट्स और मिल्क लेना चाहिए। नाश्ते में मल्टी ग्रेन्स फ़ूड होना चाहिए, बाउल ऑफ़ फ्रूट्स प्रतिदिन खिलाड़ी के डाइट में रहना आवश्यक है, दोपहर के भोजन में एक कम्पलीट थाली जिसमे कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा सही अनुपात में हो लेना चाहिए। शाम को हल्का स्नैक्स नारियल का पानी या छाछ लिया जा सकता है। रात के भोजन में चपाती का इस्तेमाल करना उचित होगा क्योकि हैवी वर्कआउट रात में नहीं है इसलिए कार्बोहाइड्रेट्स की जरूरत नहीं होगी, सोने से पहले दूध के साथ अल्मोंड्स लिया जा सकता है। नॉन वेजेटेरियन लेने वाले अपने डाइट्स में सुबह नाश्ते में एवं शाम के वर्कआउट के बाद अंडो का सेवन कर सकते है इसके अतिरिक्त १०० ग्राम चिकन कम मसालों के साथ अपने दोपहर के भोजन में प्रयोग कर सकते है। डायटीशियन और नुट्रिशन स्पेशलिस्ट निशांत वर्मा के अनुसार हर खेल और खिलाड़ियों में अलग प्रकार के वर्कआउट्स होते है तो उनके द्वारा काउंसलिंग के पश्चात ही किसी को सही डाइट चार्ट रेफेर करते है। खिलाड़ियों को हमेशा देखा गया है की अपने सेट किये गोल को हासिल करने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करते है इस सम्बन्ध में जब हमने पूछा की क्या ऐसे खिलाड़ियों को एक्स्ट्रा प्रोटीन , कार्बोह्य्द्रतेस, मिनरल और विटामिन की जरूरत पड़ती है तो उनका कहना है की शरीर में यदि कोई चीज़ की कमी लग रही हो जिससे उनके परफॉरमेंस और कंसिस्टेंसी पर असर पड़ रहा हो तो जरूर बहार से ऐसे न्यूट्रिशनल प्रोटीन्स लिए जा सकते है जो उनकी डाइट से शायद पुरे नहीं हो रहे है, जिससे उनके परफॉरमेंस पर बहुत असर पड़ता है। श्री वर्मा कहते है की कई ऐसे खेल है जहा एक्स्ट्रा ताकत लगानी होती है जिसमे मस्सल टूटते है इनके सही रिपेयरिंग और बॉडी में प्रोटीन की सही मात्रा के लिए लैब टेस्टेड इन बेहतरीन सप्लीमेंट्स को उपयोग किया जाता है। खिलाड़ियों को खेल के साथ ही अपने वर्कआउट और डाइट के प्रति खास सचेत रहना होता है जो उनके आगे के करियर में काफी सहयोगी होते है।