नेत्तृत्व क्षमता और कमांड करने की ताकत देता है योग
शहर के हर घर में योग को पहुंचाने के लक्ष्य से काम करती शहर की होनहार योग प्रशिक्षक मोनिका पाठक। २०१५ में पतंजलि हरिद्वार से योग साइंस में डिप्लोमा होल्डर मोनिका बीकेएस अयंगर केंद्र हृषिकेश से रूद्र स्वामी जी के सानिध्य में भी प्रशिक्षित है। क्रिकेट में अपने ऑफ स्पिन गेंद और सीधे बल्ले के शॉट से विरोधियो को धूल चाटने वाली तथा बेसबॉल, सॉफ्टबॉल, बैडमिंटन में राष्ट्रीय स्टार पर खेल चुकी आल राउंडर मोनिका आज योग की अलख घर घर में जगाना चाहती है। मोनिका ने पतंजलि से योग की शिक्षा के उपरांत दुबई में सेवा का अवसर को अपने अपने माता पिता के सलाह पर ठुकराते हुए अपनी सेवाएं बिलासपुर में ही देने का निर्णय किया। २०१६ में आपने बिलासपुर में तत्कालीन नगर निगम के सहयोग से शुद्ध योग केंद्र के नाम से पहले सेंटर की शुरुआत की । मोनिका २०१७ से अटल बिहारी बाजपेयी यूनिवर्सिटी में योग अनुदेशक के तौर पर सेवा दे रही है। कोरोना काल में जहां आम लोगो ने योग के महत्व को समझा और उसे अपने जीवन में अपनाने की कोशिश किए उस दौरान मोनिका ने ४००० से भी ज्यादा लोगो को जलनेति क्रिया के द्वारा लाभ पहुचायी। वात, पित्त, और कफ की समस्या से ग्रसित कइयों को कुंजल क्रिया के माध्यम से फायदा पंहुचा चुकी है। आज के समय में जहां डस्ट के वजह से कई एलर्जी के चपेट में बच्चे आ जाते है उन बच्चे के लिए धौति क्रिया के बारे में मोनिका ने बताते हुए हमे कहा की २२ गज के कपड़े को निगलकर कुछ समय पेट में रोककर निकालने से डस्ट और गंदगी निकल जाते है जिससे कई समस्याओ का समूल समापन किया जा सकता है। योग सेंटर में मोनिका योग की साइंटिफिक एप्रोच को अपनाती है जिसमे धीरे-धीरे प्रक्रियाएं, आसन और क्रियाएँ कराये जाते है। मोनिका कहती है की योग एक साइंस है और उसे वैसे ही जीवन में उतरना होता है केवल फायदे के लिए बिना उसके रिजल्ट को जाने क्रियाएं करेंगे तो उसका विपरीत असर शरीर पर पड़ता है। ४ वर्ष के बच्चो से अपने सेंटर में योग की ट्रेनिंग दे रही ट्रेनर मोनिका कहती है की १२ – १३ साल का उम्र लड़का लड़की सभी के लिए क्रिटिकल होता है। योग को नियमित जीवन में अपनाने से बच्चो में अनुशासन , बड़ो को रेस्पेक्ट करने की भावना और मेमोरी शार्प होता है। मंत्र थेरेपी और प्राटक क्रिया से समाज में नेत्तृत्व करने की क्षमता एवं परिस्थिति के अनुसार कमांड करने की शक्ति का विकास होता है। योग को घर घर तक पहुंचाने में और क्या किया जाना चाहिए के सवाल पर मोनिका का जवाब है की इसमें बहुत काम किये जाने की आवश्यकता है जो आज के समय हो रहे प्रयास को काफी नहीं माना जा सकता। मोनिका यूनिवर्सिटी लेवल पर सिलेक्टर और राज्य स्तर पर योग आधारित प्रतियोगिताओ में जज की भूमिका को भी निभा रही है। अपने सेंटर में आज ३५ से ४० बच्चे को ट्रेंड कर रही योग प्रशिक्षक योग को बढ़ने एवं समाज में सभी को योग के फायदे से जोड़ने के लिए काम करना चाहती है।