क्रिकेट को फ्रेम से पलटते वीडियो एनालिस्ट
क्रिकेट में आज के समय एक बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी रहता है वीडियो एनालिसिस का, जिस प्रकार एक बेहतर खिलाड़ी और कोच मैच का रुख बदल सकते है ठीक उसी प्रकार वीडियो एनालिस्ट की फ्रेम कई बार ब्रेक थ्रू दिलाने में बहुत मददगार साबित हुए है। वीडियो एनालिस्ट के कार्यो के सम्बन्ध में हमारी बात छत्तीसगढ़ अंडर १९ टीम के एनालिस्ट जयंत निषाद से हुई। जयंत से जब हमने विस्तार से उनके काम के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया की एनालिस्ट का काम कैंप से शुरू हो जाता है। जिसमे सभी खिलाड़ियों का वीडियो फ्रेम उनके स्पेशलाइजेशन के हिसाब से बनाकर बारीकी से जांचना और टीम प्रबंधन के साथ बैठकर डिटेल एनालिसिस करना होता है। एनालिसिस के दौरान प्रत्येक खिलाड़ी के मौजूदा फॉर्म को टेक्निकली और बेहतर करना ही वीडियो एनालिस्ट की जिम्मेदारी होती है। श्री निषाद कहते है की डेज मैचों में कई बार सेशन में विकेट ही नहीं निकलते ऐसे में एनालिस्ट बारीकियों को जांचकर कुछ ऐसे चीज़ो पर टीम को कंसन्ट्रेट करने को कहती है जहा ग्राउंड में खेल रहे खिलाड़ी चूक जाते है जिससे ब्रेक थ्रू मिल जाता है। पिच के हिसाब से किस बॉलर के स्ट्रेंथ को यूज़ करना है बैट्समैन को कब मोमेंटम गियर शिफ्ट करना है अपोनेंट टीम का भी डिटेल एनालिसिस एनालिस्ट करता है और टीम प्रबंधन को इसकी जानकारी देते रहने से ऑन द ग्राउंड और ऑफ द ग्राउंड के कॉम्बिनेशन में जबरदस्त सुधार देखने को आज मिलते है। क्रिकेट जैसे खेल में जहा एक गलत फैसले से पुरे गेम का पांसा पलट जाता है ऐसे में वीडियो एनालिस्ट के आने से खेल के हर पहलु में इसमें सुधार देखने को मिलते है। वीडियो रीड के माध्यम से खेल की बारीकियों को समझने वाले बीसीसीआई द्वारा आयोजित परीक्षा में सम्मलित होकर सर्टिफाइड एनालिस्ट बन सकते है।