फुटबॉलर के लिए फिटनेस लेवल को बनाये रखना सबसे जरूरी
बिलासपुर में ऐसे फुटबॉल खिलाड़ी है जो अंतरास्ट्रीय स्तर पर प्रोफेशनल फुटबॉल खेलने का दमखम रखते थे लेकिन इंज्युरी के कारण ऐसा
नहीं हो पाया। इस कड़ी में हम बिलासपुर के ऐसे ही फुटबॉलर जी मधु बाबू से आपका परिचय करवाते है जो की आल इंडिया फुटबॉल
फेडरेशन के सी लाइसेंस कोच होने के साथ ही २००८ से प्रशिक्षित क्लास १ फुटबॉल रेफरी भी है। 1996 से 1998 के बीच साई
(Sports Authority of India) हॉस्टल ढेंकानाल ओडिसा के हॉस्टल में प्रशिक्षित जी मधु बाबू आल इंडिया यूनिवर्सिटी में 1998 से
2000 के दौरान ईस्ट जोन से खेल चुके है। श्री बाबू से हुए बातचीत में उन्होंने बताया की खेल में चोट लगना बहुत स्वाभाविक हिस्सा है
लेकिन सही और जल्द रिकवरी से फुटबॉल जैसे दमखम वाले खेल में फिटनेस लेवल को लगातार बनाये रखना बहुत बड़ी चुनौती होती है।
मौजूदा समय में जहा आप अंडर 14 और अंडर 19 सीनियर टीम में बिलासपुर जिले के कोच है वही शहर में स्थित नार्थ ईस्ट इंस्टिट्यूट
में साल 2016 से सचिव की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे है। फुटबॉल के प्रतिष्ठित टूर्नामेंट संतोष ट्रॉफी में भी साहयक कोच के तौर पर
टीम का मार्गदर्शन कर चुके है। फुटबॉल में नयी पीढ़ी को सिखाने प्रोत्साहित करने श्री बाबू प्रतिवर्ष समर कोचिंग कैंप का आयोजन करते
है। बिलासपुर में होने वाले अलग अलग फुटबॉल टूर्नामेंट में श्री बाबू हमेशा अपनी भूमिका निभाते आये है जिससे फुटबॉल जैसे पैशनेट
गेम से लोग अपनी जुड़ाव महसूस कर सके।